जब पूरी दुनिया प्रदूषण नियंत्रण व पर्यावरण शुद्धीकरण के लिये तमाम उपाय कर
रहा है ऐसे मे हमारे देश के कुछ उद्दमी (बिजनेस मैन ) हमारे पर्यावरण को
प्रदूषित करने पर तुले हुए है, इस्क एक नही कई उदाहरण खीरी जनपद मे मौजूद है
यह जनपद छोटी बडी एक दरजन नदियो वाला सुन्दर भूभाग है जहा शाखू के विशाल वन
है किंतु यहा के चीनी मीलों ने इन नदियों मे अपना प्रदूषित जल छोड कर इन नदियो के
परिस्थितिक तंत्र को नष्ट कर इनमे रहने वाले जीवो को समूल समाप्त कर दिय है साथ
ही साथ आस पास कि कृषि भूमि पर भी जहरीला प्रभाव छोडा है इन सभी कारणो
के चलते जमीन मे अर्सैनिक जैसे घातक तत्व मिलने लगे है सरायन व कण्डवा नदी
सबसे अधिक प्रदूषित हो चुकी है
विशाल नदियो मे प्रदूषण फौरी तौर से नही जाना जा सकता किंतु छोती नदिया गन्दे
नालो मे तब्दील हो चुकी है और ऐसा नहि कि एह राज की बात है और शासन व प्रशासन
से छुपी है जब भी कोइ इन नदियो के निकट से गुजरता है तो इन नदियों का काला हो
चुका पानी बदबू से मन को विचलित कर देता है प्रदुषण नियंत्रण विभाग को धता
बताते हुए ये उद्योग हमरी धरती को बंजर और पर्यावरण को जहरीला बना रहे है यदि
जल्दी इस बाबत कोइ कदम नही उठाये गये तो इस जहर के दूरगामी परिणाम बहुत भयानक
होगे. इतना हीद नही बड़े बड़े अफसरान इन नदियों के पुलों से होकर गुजरते है और देखते भी है कि जल प्रदूषण के सभी नियमों और को टाक पर रख कर ये मिल मालिक बाकायदा सीमेंट कि पाइप लाइनों को इन नदियों तक लाये है जिसके द्बारा मीलों का जहरीला पानी नदियों तक आता है क़ानून को जब ये कुछ नही समझते तो जनमानस को इससे कितना नुकसान हो रहा है इसकी बात ही करना बेमानी होगा और इस जहरीले पानी से कितने लाख मछलियाँ सर्प कीड़े सियार लोमड़ी खरगोश जलीय वनस्पतियाँ और मवेशी मृत्य को प्राप्त हो चुके है ये कहना हास्यापद होगा |
और फिर भी हम अपने बुजर्गो और इतिहास का तथा खास्स्त्यौर इस नज़्म को लिखने वाले उस महँ फनकार का जिसे हम अल्लामा इकबाल कहते है का मजाक उडाते है ये गीत गाकर सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा ........
जरा सोचिये
कृष्ण कुमार मिश्र
लखीमपुर खीरी
1 comment:
चिन्ताजनक!
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