Saturday, May 2, 2009

बचपन बचाओ पर कैसे ?

आज रात में मेरी मुलाकत एक बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े व्यक्ति से हुई काफ़ी चर्चा के बाद मैं घर आया और लगा सोचने इस समस्या को जो रोज़ हि मेरी आंखो से दो-चार होती रह्ती है!!
आखिर क्या करे हम जो भारत या धरती पर अन्य देशों में जहां बच्चों का बचपन मां की गोद, स्कूल, बाग-बगीचों, खेल के मैदानों के बज़ाये होटलों, खदानों, या लोगों के घरों चाकरी करते हुए गुजरता है!
दरसल हम समस्या की जड़ को नही तलाशते या यूं कह ले कि तलाशना नही चाहते, जो मैने समझा वह कह रहा हूं!

क्या विचारों, आंदोलनों और बाल गॄहों

2 comments:

श्यामल सुमन said...

पोस्ट अधूरी रह गयी लगता है श्रीमान।
फिर भी पंक्ति कह रही रचना भाव प्रधान।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Mithilesh Mishra said...

Apki kahani adhuri rah gai hai But story se saaf jhalak raha hai ki stori bhawnatmak hai